
बीसीसीआई के लोकपाल के कार्यालय से पीटीआई को ईमेल पर मिली जानकारी के अनुसार गुंडे ने अरोड़ा के खिलाफ इस आधार पर आरोप लगाए थे कि वह खिलाडिय़ों के प्रबंधन वाली कंपनी ‘फाइनल स्कोर’ का संचालन
करते हैं और उनके इससे व्यावसायिक हित जुड़े हुए हैं।
इन आरोपों को हालांकि नकार दिया गया। ईमेल में कहा गया है कि आवेदनकर्ता ने आरोप लगाया था कि अरोड़ा पहले हरभजन सिंह और युवराज सिंह जैसे क्रिकेटरों के एजेंट, मैनेजर रह चुके हैं। लोकपाल को लगा कि यह आरोप विचार के योग्य नहीं है और इसलिए इसे सीधे खारिज कर दिया गया।
गुंडे का दूसरा आरोप थ कि अरोड़ा की पत्नी ‘फाइनल स्कोर मैनेजमेंट प्रा लि’ नामक कंपनी की निदेशक है जिसके बीसीसीआई से जुड़े लोगों के साथ व्यावसायिक हित हैं।
लोकपाल ने इस पर स्पष्ट किया कि अरोड़ा की पत्नी फाइनल स्कोर में निदेशक के पद पर नहीं है। उन्होंने कहा कि अरोड़ा ने कहा कि उनकी मां अब कंपनी की निदेशक नहीं है जबकि याचिका में ऐसे आरोप लगाये गए थे। (एजेंसी)
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