सावधान अगर आपके बैंक अकाउंट में 1000 रुपए भी हैं तो ख़बर आपके लिए...?

नोटबंदी के बाद से जैसी सर्विसिस में जबरदस्त उछाल आया है, कैश की कमी के चलते लोग पेटीएम, फ्रीचार्ज और इंटरनेट बैंकिंग या फिर अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं.

इसी बीच एक चौकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एशिया-पेसिफिक रीजन में आगामी 2017 से साइबर अटैक्स में इजाफा होने वाला है, अमेरिका की फायर-आई नाम की साइबर सुरक्षा कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है.

कंपनी ने 2017 सिक्युरिटी लैंडस्केप एशिया-पेसिफिक नाम की अपनी रिपोर्ट जारी की है, इसके मुताबिक दुनियाभर में मौजूद हैकर्स के निशाने पर ज्यादातर विकासशील देश रहेंगे और इनमें भारत भी शामिल है.

रिपोर्ट में बड़े पैमाने पर एशिया-पेसिफिक रिजन के देशों पर ही साइबर अटैक्स के खतरे में बढ़ोतरी होने की आशंका जताई है, साथ ही यह दावा भी किया गया है कि ज्यादातर साइबर अटैक्स चीन से संचालित होते हैं.

दुनियाभर के कई विकासशील देश आज भी अपने सिस्टम्स में पुराने सौफ्टवेयर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, कई देश ऐसे भी हैं जहां पर आज भी एटीएम मशीनों में विंडोस एक्सपी का इस्तेमाल होता है ऐसे में वे साइबर अटैक्स के आसानी से शिकार बन सकते हैं.

दूसरी तरफ रिपोर्ट में सुरक्षा उपायों के लिए साइबर सिक्युरिटी कंपनियों द्वारा निवेश की भी बात की गई है, इसके मुताबिक सिक्युरिटी फीचर्स को बेहतर बनाने के लिए कंपनियां ऑटोमेश के काम में इन्वेस्ट करेंगी.

बीते अक्टूबर महीने में भारत के 30 लाख से ज्यादा डेबिट कार्ड यूजर्स की जानकारी लीक हो गई थी, यह डेटा ब्रीच दुनियाभर में हुए सबसे बड़े डेटा ब्रीच में से एक मानी जाती है, इनमें एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, ऐक्सिस और येस बैंक के डिबेट कार्ड का डेटा लीक हुआ था.

इस घटना के बाद एसबीआई ने 6 लाख डेबिट कार्ड्स बंद किए थे, वहीं हाल ही में यूरोप में भी कॉबाल्ट नाम के एक हैकर्स ग्रुप द्वारा कई ऐटीएम मशीनों को निशाना बनाए जाने की खबरें भी सामने आई थीं, खबरों के मुताबिक इस हैकर ग्रुप ने ऐसा सौफ्टवेयर बना लिया था जिसके इस्तेमाल से एटीएम मशीनों से बिना कार्ड के कैश निकाला जा सकता था.

इस सूचना या ख़बर के बाद अब सवाल ये पैदा होता है कि क्या हम आज हैकर्स के हमले रोकने के लिए पूरी तरहां तैयार हैं,  क्या हमारे पुराने कबाड़ पीसी एटीएम की सुरक्षा कर सकते हैं...?

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