सम्पादकीय ?
*एस एम फ़रीद भारतीय*
बेशक देश में मंदी के हालात और सरकार की आर्थिक नीतियों पर पहली बार बीजेपी के अंदर से आवाज उठ रही है. जाने माने बीजेपी नेता पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने अर्थव्यस्था पर सरकार की जमकर क्लास ली है.
इंडियन एक्सप्रेस में लिखे लेख में यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को आड़े-हाथों लेते हुए कहा है कि बीजेपी की हर कोई स्थिति को समझ रहा है लेकिन डर की वजह से कोई बोल नहीं रहा.
यशवंत सिन्हा ने आगे लिखा है ?
प्रधानमंत्री कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफ़ी करीब से देखा है, ओर उनके वित्त मंत्री इस बात के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं कि देश का हर नागरिक भी गरीबी को करीब से देखे.
सिन्हा ने आगे लिखा, वित्त ने अर्थव्यवस्था की जो हालत की है उसके खिलाफ अगर मैं आज नहीं बोलूंगा तो मेरे देश के प्रति कर्तव्य के साथ धौका होगा, मुझे मालूम है कि मैं जो कह रहा हूँ मेरी बात से बीजेपी के बहुत से लोग सहमत तो होंगे, लेकिन डर की वजह से बोल नहीं पा रहे.
यशवंत सिन्हा आगे कहते हैं, निजी निवेश में आज जितनी गिरावट है उतनी दो दशक में नहीं हुई. औध्योगिक उत्पादन का बुरा हाल है, कृषि क्षेत्र बड़ी परेशानी में है, बड़ी संख्या में रोजगार देने वाला निर्माण उद्योग भी संकट में है, नोटबंदी फेल रही है, गलत तरीके से GST लागू किए जाने से आज कारोबारियों के बीच खौफ का माहौल है. लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं.
वहीं गिरती विकास दर को लेकर भी यशवंत सिन्हा ने जेटली को निशाने पर लेते हुए कहा पहली तिमाही में विकास दर गिरकर 5.7 पर पहुंच गई जो तीन साल में सबसे कम है, सरकार के प्रवक्ता कहते हैं कि नोटबंदी की वजह से मंदी नहीं आई, वो सही हैं क्योंकि इस मंदी की शुरुआत पहले हो गई थी, नोटबंदी ने तो सिर्फ आग में घी डालने का काम किया.
मोदी सरकार पर हमला क्यों हो रहा है? विपक्ष लगातार अर्थव्यस्था को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर ले रहा है. अब पहली बार बीजेपी के अंदर से भी आवाज उठी है. इसका मुख्य कारण गिरती विकास दर और बढ़ती महंगाई है. पहली तिमाही में विकास दर 5.7 रही जो तीन साल में सबसे नीचे है, इसके साथ लगातार बढ़ते पेट्रोल डीजल की कीमतें भी सरकार के लिए सिर दर्द बनी हुई है.
याद रहे यशवंत सिन्हा बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से हैं. अटल सरकार में यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री भी रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारी रहे यशवंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से सांसद हैं, वहीं यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा मोदी सरकार में विमान मंत्री हैं. वो इससे पहले वित्त राज्यमंत्रालय का भी काम संभाल चुके हैं.
अब सवाल यही है कि ये जुमलों की सरकार कब तक अपनी नाकामी को छुपाकर देश को लगातार बदहाली की तरफ़ ले जाती रहेगी, हज़ारों करोड़ रूपये विदेशों से निवेशकों को लाने के साथ अपनी हवाई यात्राओं पर ख़र्च कर दिये मिला क्या?
जिस तरहां से ये भाजपा सरकार सत्ता मैं आई ओर देश की जनता ने इस ब्यानों ओर दावों पर यक़ीन कर सरकार को प्रचंड बहुमत दिया, उस हिसाब से सरकार को भी इतिहास रचना चाहिए था, मगर सब वादे जुमले ही साबित हुए आज देश जिस जगह खड़ा है वहां से निकलना बहुत ही मुश्किल काम है.
पैट्रोल डीज़ल की कीमतें बढ़ाकर सरकार अपनी कुछ कमाई तो कर सकती है ओर कर भी रही है, मगर सरकार ये भी भूल रही है कि देश मैं महंगाई के लिए यही कीमतें ज़िम्मेदार होती हैं महंगाई ने आज आम आदमी की कम्र तोड़कर रख दी है, ग़रीब पर दोहरी मार पड़ रही है महंगाई ओर बेरोज़गारी मगर सरकार बड़ी ही बेशर्मी से अपनी नाकामियों को छुपा रही है, दो लोगों अरूण जेटली ओर नरेंद्र मोदी की सोच ने देश को आज बदहाली पर लाकर खड़ा कर दिया है.
प्रधानसेवक तो कह चुके मैं तो झोला उठाकर चल दूंगा अब इसके आगे आप क्या कहेंगे सोचते रहें, पहलीबार भाजपा के किसी नेता ने सच बोला जिसको सुनकर अच्छा लगा यही तो देश भक्ति है ...
जयहिन्द जयभारत
नोट- ये अंग्रेजी अख़बार मैं छपे लेख पर आधारित है, मैने ख़ुद कोई इंटरव्यू नहीं लिया है !
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