मेरे रहते हाजी युनुस को कोई छू भी नहीं सकता- मृतक ख़ालिद

ख़बर एनबीटीवी इंडिया
हाजी युनुस पर हुए हमले मैं गोलियों से घायल के बाद अस्पताल ले जाते हुए रास्ते मैं दम तोड़ने वाले ख़ालिद का कहना था कि युनुस मेरे नेता ही नहीं बड़े भाई भी हैं, और मैं कोशिश करता हुँ हमेशा साए की तरहां हाजी युनुस के साथ रहूं, मेरे रहते कोई छू भी नहीं सकता कोई हाजी युनुस को, और ऐसा ही हुआ भी, जब हमलावरों ने युनुस के काफ़िले पर हमला किया था, तब वो ख़ुद की जान की बाज़ी लगाकर हाजी युनुस को बचाने के लिए, ढाल बनकर युनुस से चिपट गया था.

आज हमले के दूसरे दिन बस एक ही चर्चा है कि ख़ालिद ने मरते मरते अपनी दोस्ती और भाई के रिश्ते का हक़ अदा कर दिया, ख़ालिद जितने भी हाजी युनुस के समर्थक हैं या जो युनुस को भाई और दोस्त मानते हैं उनमें सबसे ज़्यादा वफ़ादार दोस्ती और भाई का फ़र्ज़ निभाने वाला ख़ालिद ही था, और ख़ालिद ने ये साबित भी कर दिया कि असल रिश्ता मुंह से बोलने से नहीं बल्कि निभाने से होता है और ख़ालिद ने वो रिश्ता निभाकर दिखा दिया, अपने भाई जैसे दोस्त की ख़ातिर अपनी जान दे दी.

आपको बता दें कि बुलंदशहर के पूर्व ब्लॉक प्रमुख और मौजूदा ब्लॉक प्रमुख के पति हाजी यूनुस के काफिले पर कल दोपहर तीन बजे ताबड़तोड़ फायरिंग की गूंज दूर दूर तक सुनाई दी थी, बताते हैं कि दोपहर तीन बजकर दो मिनट पर यूनुस का काफिला भाईपुरा रजवाहे की पुलिया पर जैसे ही मुड़ा सामने खड़े बदमाशों ने स्वचलित हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी, और करीब आठ नौ मिनट तक बदमाश दोनों हाथों से फायरिंग करते रहे, जिससे काफिले मै मौजूद लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला सका, वारदात के बाद बदमाश कार में सवार होकर शिकारपुर-बदायूं स्टेट हाईवे से फरार हो गए, घटना के वक़्त मौजूद लोगों की मानें तो चार बदमाशों ने दोनों हाथों में पिस्टल ली हुई थी, जबकि एक बदमाश राइफल से फायर कर रहा था, हाजी यूनुस के काफिले में सबसे पीछे चल रहे बोलेरो चालक अलीगढ़ निवासी रवि ने मोबाइल से पुलिस को वारदात की सूचना दी थी, ड्राईवर ने बताया कि बदमाश मोड़ पर खड़े थे, जिन्हें देखकर लगा कि वह शादी में शामिल होने वाले लोग होंगे, लेकिन काफ़िले के मोड़ पर पहुंचते ही वहां खड़े बदमाशों ने असलहे निकाले और दोनों हाथों से गाड़ियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.

युनुस जिस ऑडी कार में सवार थे, उस कार पर करीब 30 राउंड फायरिंग की गई, जबकि फार्च्यूनर पर करीब 15 राउंड फायरिंग के निशान हैं, फायरिंग के बाद सभी बदमाश वहां से फरार हो गए, उस घायलों के साथ वहां अफ़रातफ़री का माहौल था.

हमलावरों नें जिस तरह से ताबड़तोड़ फायरिंग की, उसे देखकर कहा जा सकता है कि बदमाश रालोद नेता बने युनुस की हत्या के इरादे से पहुंचे थे, कहते हैं ऑडी की पिछली सीट पर दो साथियों के बीच बैठे होने के कारण युनुस बाल-बाल बच गए, जबकि बराबर मैं बैठे ख़ालिद ने चिपटकर गोलियां अपने ऊपर ले लीं, वहां फायरिंग की आवाज व चीख पुकार सुनकर आसपास मौजूद लोगों में भी भगदड़ मच गई थी, वहां मौजूद लोगों ने आसपास घरों में घुसकर या खेतों में छिपकर खुद को बचाया.

पुलिस पूरे मामले पर अपनी तरफ़ छानबीन कर रही है, पुलिस का कहना है हम कई एंगल पर काम कर रहे हैं, और जल्द ही हमको कोई ना कोई पुख़्ता सुराग व सबूत घटनास्थल के आसपास से ज़रूर मिलेगा, पहली नज़र मैं ये कहा जा सकता है कि ये हमला सुनियोजित था, मगर वो जिस मक़सद से आये थे उसमें सफ़लता नहीं मिल सकी, हम हाजी युनुस को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करेंगे, दोबारा ऐसी घटना को अंजाम देने की कोशिश करना भी नामुमकिन होगा.


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