ऐसे बनी दुनिया की पहली सोशल मीडिया साईट ?

आज सोशल नेटवर्क का ज़माना है.
अपने दोस्तों से, रिश्तेदारों से, अनजान लोगों से हर वक़्त जुड़े रहते हैं आप. अपनी ज़िंदगी की तमाम बातें, क़िस्से उनसे साझा करते हैं. अपनी निजी ज़िंदगी के तमाम पलों की तस्वीरों को बाक़ी दुनिया से शेयर करते हैं.
सज-धजकर या फिर सोकर उठे, एक सेल्फ़ी ली और फ़ेसबुक पर डाल दी. दोस्तों के साथ पिकनिक पर गए और इंस्टाग्राम पर तस्वीरें, दूसरों के लिए भी पेश कर दीं. किसी बड़ी बहस में शामिल हुए और ट्विटर पर फ़ौरन अपनी मौजूदगी ज़ाहिर कर दी.
मगर, कभी आपके ज़ेहन में सवाल आया कि
आख़िर वेब पर तस्वीरें साझा करने का ये चलन कब शुरू हुआ? किसने अपनी निजी ज़िंदगी की तस्वीर, बाक़ी दुनिया से शेयर की थी.
चलिए, आपको सुनाते हैं वर्ल्ड वाइड वेब पर डाली गई निजी पलों की पहली तस्वीर का क़िस्सा.
बात 1989 की है. स्विटज़रलैंड की मशहूर प्रयोगशाला यूरोपियन ऑर्गनाइज़ेशन फॉर न्यूक्लीयर रीसर्च यानी 'सर्न' के कंप्यूटर वैज्ञानिक सिल्वानो डे गेन्नारो ने लैब में काम करने वालों के लिए एक म्यूज़िक फ़ेस्टिवल की शुरुआत की थी.
वैज्ञानिक प्रयोगों से बोर हो रहे लोग थोड़ी मौज-मस्ती करें, यही इसका मक़सद था. इसका नाम उन्होंने सर्न हारड्रॉनिक फ़ेस्टिवल रखा था. सिल्वानो ने इस अंतरराष्ट्रीय लैब में काम करने वाले सभी लोगों को म्यूज़िक फ़ेस्टिवल में शामिल होने का न्यौता दिया.
इसी फ़ेस्टिवल में शामिल चार लड़कियों के ग्रुप की तस्वीर ही वो पहली निजी ज़िंदगी की तस्वीर थी, जिसे वेब पर अपलोड किया गया था. ख़ुद सिल्वानों को इसका एहसास बहुत बाद में हुआ.
सिल्वानो की पत्नी मिशेल, सर्न के उस पहले संगीत समारोह को आज भी शिद्दत से याद करती हैं.
वो उस वक़्त वहां दुभाषिया सेक्रेटरी के तौर पर काम करती थीं. उनकी एक सहेली उनके पास आईं थी एक गुज़ारिश लेकर.
मिशेल की दोस्त, लैब के एक वैज्ञानिक पर फिदा थीं. वो चाहती थीं कि उसे रिझाने के लिए मिशेल, अपने ब्वायफ्रैंड सिल्वानो से एक गीत लिखवा दें. फिर इस गाने को पेश करने के लिए उन्होंने मिशेल से भी स्टेज पर आने को कहा.
अफ़सोस ये कि ख़ास तौर से लिखाए गए इस गीत की पेशकश को उन वैज्ञानिक महोदय ने देखा ही नहीं. उस वक़्त उनकी कहीं ड्यूटी लगी हुई थी. मगर मिशेल और उनकी दोस्तों की स्टेज परफॉर्मेंस की तस्वीर हमेशा के लिए यादगार बन गई. मिशेल और उनकी दोस्तों के परफ़ॉर्मेंस को ख़ूब सराहा गया. इसी से शुरुआत हुई सर्न की महामशीन 'लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर' पर आधारित नाटक, 'लेस हॉरिबल्स सर्नेट्स' की.
मिशेल और उनकी दोस्तों ने बड़े बालों वाले जूड़े बनाए, पुराने चलन वाली पोशाकें पहनीं और फ़िजिक्स के गाने गाए. जमकर मस्ती हुई. ख़ूब तालियां बजीं.
सर्न की लैब में काम करने वाली लिन वेरोन्यू, उन दिनों को याद करती हैं.
लिन, उस वक़्त वहां रिसर्च कर रही थीं. वो कहती हैं कि जब लड़कियां स्टेज पर आईं और अपनी परफ़ॉर्मेंस दी तो वो ख़ुशी से झूम उठी थीं. वो उस वक़्त ओपेरा की पढ़ाई कर रही थीं. उनका ख़ुद का भी मन हुआ इस ग्रुप में शामिल होने का. अगले साल लिन भी इस ग्रुप में शामिल हो गईं थीं.
एक बार शो की तैयारी के दौरान जब मिशेल, लिन और उनकी दूसरी साथी तैयार होके खड़ी थीं, तभी सिल्वानो कैमरा लेकर पहुंचे. उन्होंने कहा कि सर्न के इस फ़ेस्टिवल के अल्बम के कवर के लिए उन्हें तस्वीर चाहिए. चारों लड़कियों ने बड़ी अदा से, मुस्कुराते हुए फ़ोटो खिंचाई.
बाद में सिल्वानो इस तस्वीर को अपने कंप्यूटर पर सजा-संवार रहे थे तो उसी वक़्त टिम बर्नर्स ली उनके पास आ गए. ली ने ही उस वर्ल्ड वाइड वेब, जिसे आज हम www के नाम से जानते हैं, का आविष्कार किया था. ली ने सिल्वानो को सुझाव दिया कि वो सर्न के लोगों की एक वेबसाइट बना लें. सिल्वानो को वेब या वेबसाइट के बारे में कुछ भी पता नहीं था.
फिर, बर्नेस ली ने सर्न में हो रही सभी सामाजिक गतिविधियों के लिए एक वेबसाइट बनाने का फ़ैसला किया. इसी वेब पेज पर उन्होंने लड़कियों के म्यूज़िकल ग्रुप की फ़ोटो भी डाल दी.
आज के हिसाब से ये तस्वीर बेहद छोटी थी. महज़ एक डाक टिकट के बराबर. उस वक़्त वेब, भारी-भरकम तस्वीरों का बोझ नहीं उठा सकता था. इस टिकट जैसी तस्वीर को भी वेब पेज पर डालने में एक मिनट लग गए थे. सिल्वानो याद करते हुए बताते हैं. इन्हें देखने के लिए भी क्लिक करना पड़ता था.
यही तस्वीर, वेब पर डाली गई निजी ज़िंदगी के पलों की पहली तस्वीर थी. कुछ लोग इसे इंटरनेट पर डाली गई पहली तस्वीर भी कहते हैं.
मगर ये सही नहीं है. वेब से भी पहले वैज्ञानिकों के इस्तेमाल के लिए इंटरनेट शुरू हो चुका था. जिसमें एक ही क्षेत्र में काम करने वाले लोग अपने विषय से जुड़ी चीज़ें शेयर करते थे. इनमें तस्वीरें भी होती थीं.
इसके बाद जब वेब की शुरुआत हुई तो भी डेटा और विषय से जुड़ी तस्वीरें वेब पर डाली जा रही थीं. हां, सर्न के म्यूज़िकल ग्रुप की ये तस्वीर, पहली गैर-तकनीकी फ़ोटो थी जो वेब पर अपलोड की गई.
सिल्वानों कहते हैं कि, ये पहली तस्वीर थी जो काम के लिए नहीं, सिर्फ़ मौज-मस्ती के लिए डाली गई थी. इस तस्वीर से वेब की दुनिया, ज़िंदगी के बाक़ी पहलुओं के लिए भी खुल गई, जो काम-काज से जुड़े नहीं थे.
लिन को अपनी इस तस्वीर की अहमियत का एहसास अभी हाल में, केवल पांच बरस पहले हुआ.
वो बताती हैं कि वो अपने एक बड़े म्यूज़िक शो की तैयारी कर रही थीं. तभी उनके प्रचार करने वाले ने कहा कि ये तो ऐतिहासिक तस्वीर है. इसका प्रचार करना चाहिए. अब उन्होंने इस तस्वीर को अपने बायो-डेटा में भी शामिल कर लिया है.
लिन कहती हैं कि अब वो बड़ी शान से अपने दोस्तों-परिजनों को बता सकती हैं कि वेब के इतिहास में एक कोना उनका भी है.
मिशेल भी कहती हैं कि तस्वीर लिए जाने के वक़्त उन्हें ज़रा भी एहसास नहीं था कि ये पल ऐतिहासिक हो जाएगी. अब उन्हें भी इसका हिस्सा होने की ख़ुशी है.
इस तस्वीर की सभी लड़कियां, आज दुनिया के अलग-अलग हिस्से में रहती हैं.
मिशेल और सिल्वानो, मॉरीशस में रहते हैं. मिशेल, वहां लोगों को वर्जिश करना सिखाती हैं. वहीं, लिन ने संगीत को ही अपना करियर बना लिया है और दुनिया भर की सैर करती रहती हैं.
तस्वीर की एक और लड़की एंजेा, आज ब्रिटेन के ग्लासगो शहर में रहती हैं. वहीं एक और सदस्य कॉलेट मार्क्स निएल्सन, फ्रांस में रहती हैं.
अभी चार बरस पहले, 2012 में सभी सर्नेट्स इकट्ठी हुई थीं, स्विटज़रलैंड में. उनके साथ बाद के ग्रुप की सदस्यों ने मिलकर म्यूज़िकल कंसर्ट किया था.
इसे लोगों ने ख़ूब पसंद किया. इसका वेब पर लाइव टेलीकास्ट भी किया गया था. जिसे क़रीब दो हज़ार लोगों ने देखा.
मिशेल कहती हैं कि ये सिर्फ़ वेब की पहली तस्वीर नहीं थी. शायद ये इंटरनेट का पहला म्यूज़िकल ग्रुप भी था. इस तस्वीर को वो दिल के बेहद क़रीब मानती हैं.



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