नीतीश कुमार ने बीजेपी को खुली चुनौती दी है कि अगर उन्हें बलात्कार के आरोपी राजबल्लभ यादव के बारे में जानकारी है तो पुलिस को बताएं। मुख्यमंत्री शनिवार को
बिहार विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में कानून का राज है और कानून का राज ही रहेगा।
बिहार विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में कानून का राज है और कानून का राज ही रहेगा।
बीजेपी के नेताओं खासकर विधान मंडल दल के नेता सुशील मोदी द्वारा ये आरोप कि विधायक राजबल्लभ यादव सरकार के संरक्षण के कारण खुलेआम घूम रहे हैं, पर पलटवार करते हुए नीतीश ने कहा कि अगर विपक्ष के नेता को मालूम है तो पुलिस को बताएं। अगर उसमें भी दिक्कत है तो गुप्त रूप से भी विधायक के ठौर-ठिकाने के बारे में बता सकते हैं।
राज्य की विधि व्यवस्था की चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने दावा किया कि राज्य की विधि व्यवस्था नियंत्रण में है और बीजेपी का जंगलराज का आरोप एक स्टंट है। नीतीश कुमार ने अपने जवाब में विस्तार से हाल के दिनों में पुलिस विभाग में सुधार के लिए उठाये गए कदमों की चर्चा की और कहा कि अगले तीन महीने में एक पुलिस कंट्रोल रूम कार्य करने लगेगा जिसमे 24 घंटे कोई भी व्यक्ति शिकायत कर सकता है और पुलिस तत्काल उन शिकायतों पर कार्रवाई करेगी।
नीतीश ने माना कि राज्य में पुलिस के बॉडीगार्ड का दुरुपयोग किया जाता है और अब इसके लिए राज्य स्तर पर एक समिति तय करेगी कि आखिर किस व्यक्ति को कितनी सुरक्षा की जरूरत है। लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि आखिर ये कब तक हो पाएगा।
नीतीश कुमार ने अपने भाषण में केंद्र पर आरोप लगाया कि जब से वर्तमान मोदी सरकार आई है, केंद्र प्रायोजित योजना की राशि में कटौती की गई। राज्य के ऊपर इसके कारण भार बढ़ा। साथ ही उन्होंने बिहार बीजेपी के नेताओं को चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो राज्य का पैसा केंद्र से दिलवा दें।
बिहार से केंद्रीय मंत्री के इस आरोप कि राज्य सरकार परियोजना के लिए जमीन नहीं दे रही है, पर नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र एक नई नीति बना ले कि जमीन का पैसा वो दे और बाकी राशि राज्य सरकार दे देगी।
विधानसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री द्वारा बिहार के लिए घोषित पैकेज की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि इस पैकेज के ऊपर कितना अमल हो रहा है इसके लिए एक सर्वदलीय कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। लेकिन नीतीश ने माना कि उन्हें केंद्र की मदद की जरूरत है। हालांकि नीतीश के जवाब के दौरान बीजेपी के सदस्य मौजूद नहीं थे क्योंकि उन्होंने शनिवार को सदन की बैठक बुलाए जाने के कारण सदन का बहिष्कार किया था।
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