अजब-गजब, क्यों चीन में जवान लड़कियां नहीं कर रही हैं शादियां?

शंघाई. चीन में 'लेफ्टओवर' यानी 'छोड़ी गई' महिला अपमानजनक शब्द है, जो दशकों से प्रयोग में है। यह उन महिलाओं को कहते हैं जो 27 साल से ज्यादा उम्र की हैं, शहरी हैं, महत्वकांक्षी हैं, कुंवारी हैं और अपने करियर पर अधिक ध्यान देती हैं। चीन में साल 1979 में जब एक संतान
नीति अपनाई गई, कई महिलाएं गर्भ में लड़के होने का पता चलने पर गर्भपात करवा लिया करती थीं। चार दशक बाद हाल ही में यह नीति खत्म कर दी गई पर तब तक देश की जनसंख्या की लिंग अनुपात बिगड़ चुका था.

आज देश में महिलाओं से अधिक पुरुष हैं। अनुमान है कि साल 2020 तक चीन में पुरुषों की तादाद महिलाओं से 2.40 करोड़ ज्यादा होगी। पुरुष-स्त्री के बीच की खाई की वजह से 'शादी के बाजार' में महिलाओं की जबर्दस्त मांग है। पर चूकिं आज चीनी महिलाओं के पास पहले से अधिक विकल्प हैं, शादी की उम्र के बाद भी औरतें विवाह टालती रहती हैं। वे अब शादी के बदले पढ़ाई-लिखाई पर अपने पैरों पर खुद खड़े होने को तरजीह देने लगी हैं।

नतीजन, चीन में शादी की औसत उम्र भी बढ़ गई है। चीन के वाणिज्यिक शहर शंघाई में महिलाओं के विवाह की औसत उम्र 30 साल हो गई है। चीन सरकार ने जब यह पाया कि एक संतान नीति की वजह से लिंग अनुपात बिगड़ चुका है और बड़ी समस्या बन चुकी है, तो सरकारी मीडिया ने इन्हें 'शेंग नू' यानी 'छोड़ी गई महिला' जैसा अपमानजनक शब्द दे दिया। चीन के शिक्षा मंत्रालय ने साल 2007 में आधिकारिक बयान जारी कर 'शेन नू' की परिभाषा दी। सरकार ने 'शेंग नू' उन महिलाओं को बताया जिनकी उम्र 27 साल से ऊपर है। इसका अर्थ यह लगाया गया कि 'शादी के लिए योग्य आदमी को लेकर बहुत ही ऊंची उम्मीद' रखने के कारण इन्हें 'पति नहीं मिल सका

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