मनुवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ नया राजनीतिक विकल्प खड़ा करेगा ‘जन विकल्प मार्च’- रिहाई मंच
लखनऊ 16 मार्च 2016। सपा सरकार द्वारा रिहाई मंच के ‘जन विकल्प मार्च’ को रोके जाने के बावजूद पूरे प्रदेश से जुटी हजारों की संख्या में इंसाफ पसन्द अवाम ने मंच के नेतृत्व में किया मार्च। अखिलेश सरकार पर द्वारा लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने का आरोप लगाते हुए मंच
ने कहा कि इस नाइंसाफी के खिलाफ सूबे की इंसाफ पसंद अवाम ने खड़ी होकर यूपी में नए ‘जन विकल्प’ का ऐलान किया है। रिहाई मंच ने वादा खिलाफ सपा सरकार के चार साल पर 41 सूत्रीय मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि सांप्रदायिक व जातीय हिंसा, बिगड़ती कानून व्यवस्था, अल्पसंख्यक, दलित, आदिवासी, महिला, किसान और युवा विरोधी नितीयों के खिलाफ पूर्वांचल, अवध, बुंदेलखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत पूरे सूबे से आई इंसाफ पसंद अवाम का सरकार के चार साल पर राजधानी में जुटान ने साफ कर दिया कि सूबे की अवाम सपा की जन विरोधी और सांप्रदायिक नीतियों से त्रस्त है। उन्होंने कहा कि सपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को रिहा करेगी, उनका पुर्नवास करेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। पर उसने किसी बेगुनाह को नहीं छोड़ा उल्टे निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर कार्रवाई न करते हुए मौलाना खालिद मुजाहिद की पुलिस व आईबी के षडयंत्र से हत्या करवा दी। कहां तो सरकार का वादा था कि वह सांप्रदायिक हिंसा के दोषियों को सजा देगी.
लेकिन सपा के राज में यूपी के इतिहास में सबसे अधिक सांप्रदायिक हिंसा सपा-भाजपा गठजोड़ द्वारा करवाई गई और भाजपा विधायक संगीत सोम, सुरेश राणा को बचाने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि सपा सैफई महोत्सव से लेकर अपने कुनबे की शाही विवाहों में मस्त है दूसरी तरफ पूरे सूबे में भारी बरसात और ओला वृष्टि के चलते फसलें बरबाद हो गई हैं और बुंदेलखंड सहित पूरे प्रदेश का बुनकर, किसान-मजदूर अपनी बेटियों का विवाह न कर पाने के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर है।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या और जेएनयू में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान को देशद्रोही घोषित करने की संघी जेहनियत के खिलाफ पूरे देश में मनुवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ खड़े हो रहे प्रतिरोध को यह जन विकल्प मार्च प्रदेश में एक राजनीतिक दिशा देगा। उन्होंने कहा कि बेगुनाहों, मजलूमों के इंसाफ का सवाल उठाने से रोकने के लिए जिस सांप्रदायिक जेहनियत से ‘जन विकल्प मार्च’ को रोका गया यह वही जेहनियत है जो जातिवाद-सांप्रदायिकता से आजादी के नाम पर जेएनयू जैसे संस्थान पर देश द्रोही का ठप्पा लगाती है। सपा जिसके चुनावी घोषणा पत्र में दलितों के लिए कोई एजेण्डा तक नहीं है और दूसरी तरफ खुद को दलित हितैषी बताने वाली बसपा के हाथी पर मनुवादी ताकतें सवार हो गई हैं। प्रदेश में सांप्रदायिक व जातीय ध्रुवीकरण करने वाली ताकतें सक्रिय हैं ऐसे में रिहाई मंच व इंसाफ अभियान का यह जन विकल्प मार्च देश और समाज निर्माण को नई राजनीतिक दिशा देगा.
आपका स्वागत है, प्रकाशित सभी ख़बरें रिपोटर की खुद्की ज़िम्मेदारी है
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919
Comments
Post a Comment
शुक्रिया दोस्तों आपने अपने कीमती वक़्त से हमको नवाज़ा, हमारी कोशिश यही रहती कि आपको सच से सामना कराया जाये.
हमारा ईमेल - news@nbtvindia.com/ editor@nbtvindia.com