शातिर गिरोह जो बेवक़ूफ़ बनता था बुज़ुर्गों को ? |
नई दिल्ली- कॉल सेंटर द्वारा इंसोरेंस के नाम पर लोगों से ठगी करने के मामले में साइबर सेल फरीदाबाद ने 4 लोगो को अरेस्ट किया है जिसमें एक युवती भी शामिल है, कॉल सैंटर दिल्ली के किराड़ी
इलाके में चलाया जा रहा था, फरीदाबाद के रहने वाले एक पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए इस गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिनसे दर्जनों की संख्यां में लैंडलाईन इंस्टूमेंटों के साथ साथ लगभग 8 लाख रूपये बरामद किये गये हैं.
इलाके में चलाया जा रहा था, फरीदाबाद के रहने वाले एक पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए इस गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिनसे दर्जनों की संख्यां में लैंडलाईन इंस्टूमेंटों के साथ साथ लगभग 8 लाख रूपये बरामद किये गये हैं.
अगर आपके पास किसी कॉल सेंटर से फोन कॉल आती है तो सावधान हो जाईये, एक कॉल आपकी पूरी जिंदगी की जमा पूंजी को हड़प सकती है, फरीदाबाद साइबर सेल की पुलिस टीम ने एक ऐसे ही एनसीआर में सक्रिय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो जानी मानी लिमिटेड इंसोरेंस कंपनियों के नाम पर लोगों को ठगा करते थे.
इस गिरोह में शातिर युवक ही नहीं बल्कि एक युवती भी शामिल थी जो अपनी मीठी आवाज़ से लोगों को अपने जाल में फंसाती थी, इस सक्रिय गिरोह का पर्दाफाश उस वक्त हुआ जब फरीदाबाद के एक रिटार्यड व्यक्ति को कॉल सेंटर से फोन आया उसका इंसोरेंस करवाने की बात की गई, पीडित व्यक्ति इनकी मोहक स्कीमों फंस गया और अपने पूरे जीवन की जमा पूंजी को लगभग दो साल के समय में थोडे-थोडे पैसे करके देने लगा, और देते देते उसने लगभग 50 लाख रूपये दे दिये।
जब पीडित को लगा कि उसके साथ धोखा हो रहा है तो उसने साईबर सेल में शिकायत दर्ज की, शिकायत पर साईबर सेल की टीम ने दिल्ली के किराड़ी इलाके में चल रहे कॉल सेंटर पर छापा मारा, जहां से तीन शातिर युवकों सहित एक युवती को भी गिरफ्तार कर लिया गया, इतना ही नहीं कॉल सेंटर में लगे हुए दर्जनों लैंड लाईन इंस्टूमेंटों को भी कब्जे में ले लिया गया.
इस बारे में पूरी जानकारी देते हुए साईबर सेल के इंचार्ज जसवीर सिंह ने बताया कि शतिर गिरोह ऐसे लोगों को निशाना बनाते थे जिनकी जानी मानी इंसोरेंस कंपनी में पॉलिसी होती थी, उनका फेंक डाटा एकत्रित कर उन्हें फोन करके उसी पॉलिसी में और नई स्कीमों के तहत बेहतर स्कीम देेने की बात कर उनसे पॉलिसी में पैसे जाम करवाते थे.
यह गिरोह एनसीआर में सालों से सक्रिह था, इससे पहले भी आगरा पुलिस फोन फरवरी 2015 में गिरफतार किया था उसके बाद सितंबर में रिहा होने के साथ ही अक्टूबर से फिर वहीं कॉल सेंटर का काम शुरू कर दिया है, इस गिरोह का निशाना खासकर बुजुर्ग रिटार्यमेंट होते थे, जिन्हें आज के आधुनिक युग के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती थी, और आसानी से अपनी पूरी जिंदगी का कमाई अपने बुढापे के सुख के लिये दे देते थे.
साथ ही इंचार्ज ने बाताया कि इस गिरोह ने अभी तक लगभग 60 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है, जिनसे पैसे हडपने की बात करें तो जब एक व्यक्ति से 50 लाख रूपये ले सकते हैं तो करोडों रूपये अब तक इस गिरोह ने ठगे होंगे। इस गिरोह के सक्रिह होने के बात करें तो अधिकतर दिल्ली हरियाण और उत्तर प्रदेश को ये अपने निशाने पर रखते थे। जिनसे अभी तक 8 लाख रूपये की रिकवरी हो चुकी है, अभी भी इस गिरोह के खातों की जांच जारी है.
वहीं इस गिरोह के मास्टर माइंड नौशाद अली ने बताया कि पहले वो एक कॉल सेंटर में काम करते थे उसके बाद उन्हें इस धंधे में ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने का जरिया दिखा और जेल से रिहा होने के बाद खुद का कॉल सेंटर खोल लिया। पूरे खेल के बारे मेें बताते हुए कहा कि वो पैसो से लोगों का डाटा खरीदते थे, उसके बाद उन्हें अपना शिकार बनाते थे, जो भी पैसा उन्होंने अभी तक कमाया था वो उन्होंने अपने कॉल सेंटर में लगा दिया। मगर अब उन्हें पकडे जाने पर पछतावा हो रहा है.
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