अब नहीं लगेगा टैक्स, राहुल मेरा दबाव काम आया ?


Mar 09, 2016
नई दिल्ली- इम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड के 60 फीसदी हिस्से पर टैक्स लगाने के बजट प्रपोजल को सरकार ने वापस ले लिया है, लोकसभा में मंगलवार को अरुण जेटली ने इसका एलान किया, इस पर राहुल गांधी ने कहा मुझे महसूस हुआ कि सरकार मिडिल क्लास के खिलाफ जा
रही है, मैंने दबाव बनाया जो काम कर गया और सरकार ने फैसला वापस ले लिया.

 29 फरवरी-जेटली ने बजट स्पीच में एलान किया, 1 अप्रैल 2016 के बाद EPF में होने वाले 40% कॉन्ट्रिब्यूशन पर टैक्स नहीं लगेगा, इसके मायने ये कि 60% EPF कॉन्ट्रिब्यूशन पर टैक्स लगेगा.
1 मार्च-आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ सहित कई मजदूर संगठनों और विपक्ष ने ईपीएफ पर टैक्स का विरोध शुरू कर दिया.

सरकार की ओर से आई रेवेन्यू सेक्रेटरी और जयंत सिन्हा के बयानों से कन्फ्यूजन बढ़ा, 2 मार्च- श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने राज्यसभा में कहा कि सरकार सभी पक्षों से बातचीत कर रही है। इस मुद्दे पर विचार होगा।
6 मार्च-मोदी ने पीएमओ में हाई लेवल मीटिंग की और जेटली से फैसला वापस लेने को कहा, 8 मार्च -अरुण जेटली ने लोकसभा में फैसला वापस लेने का एलान किया। सरकार को 8 दिन में क्यों बदलना पड़ा फैसला ? पांच राज्यों केरल, पश्चिम बंगाल, असम, पुडुचेरी और तमिलनाडु में अगले महीने से इलेक्शन हैं, विरोध के सुर हर तरफ से उठ रहे थे, सबसे पहले इस फैसले का विरोध आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने किया था.

 विपक्ष इसे बडा मुद्दा बना रही थी, राहुल गांधी लगातार इस मामले पर सरकार पर हमला बोल रहे थे, असम में चुनाव प्रचार करने के दौरान भी राहुल ने अपनी हर रैली में ये मुद्दा उठाया, 10 मार्च को ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने जा रही है। राहुल ने क्या कहा. राहुल ने दिल्ली में कहा मुझे लगा कि सरकार मिडिल क्लास लोगों को नुकसान पहुंचा रही है, इसलिए मैंने दबाव बनाने का फैसला किया, मुझे खुशी है कि उन्होंने कुछ राहत दी है, 

 उन्होंने कहा मिडिल क्लास लोगों की मेहनत के पैसे पर टैक्स लगाना नैतिक रूप से गलत है, इससे पता चलता है कि सरकार जनता के खिलाफ काम करने की मानसिकता रखती है, बजट के बाद आए थे तीन बयान, जिनसे हुआ कन्फ्यूजन 1. EPF पर क्या आए थे बयान?  बजट स्पीच में जेटली:1 अप्रैल 2016 के बाद EPF में होने वाले 40% कॉन्ट्रिब्यूशन पर टैक्स नहीं लगेगा. इसके मायने ये हैं कि 60% EPF कॉन्ट्रिब्यूशन पर टैक्स लगेगा.

 रेवेन्यू सेक्रेटरी हंसमुख अढिया :"EPF के 60 पर्सेंट कॉन्ट्रिब्यूशन के सिर्फ इंटरेस्ट पर टैक्स लगेगा, इसके ये मायने हैं कि 60% कॉन्ट्रिब्यूशन प्रिंसिपल अमाउंट है, वह टैक्सेबल नहीं है, उससे मिलने वाला इंटरेस्ट ही टैक्सेबल होगा.
 जयंत सिन्हा का बयान :"60% EPF पर टैक्स तभी बचा सकते हैं, जब उसे पेंशन स्कीम्स में इन्वेस्ट करें, इसके ये मायने हैं कि इन्वेस्ट न करने पर 60% अमाउंट टैक्सेबल होगा, 2. इंटरेस्ट पर क्या कहा था?  जेटली : पेंशन स्कीम्स की बात कही लेकिन इंटरेस्ट का कोई जिक्र नहीं किया.

 रेवेन्यू सेक्रेटरी :इंट्रेस्ट टैक्सेबल रहेगा.
 जयंत सिन्हा : हमें सुझाव मिले हैं कि EPF के पूरे 60% कॉन्ट्रिब्यूशन पर नहीं, बल्कि उस पर मिलने वाले इंटरेस्ट या रिटर्न पर ही टैक्स लगाया जाए। जेटली इस पर आखिरी फैसला करेंगे, 3. तीनों केस में समझें, आपकी बचत पर क्या पड़ता असर? 

मान लीजिए, आप इस साल दिसंबर में रिटायर हो रहे हैं और 1 अप्रैल से 31 दिसंबर के बीच आपके पीएफ अकाउंट में 50 हजार रुपए जमा हुए हैं, ऐसे में 50 हजार के 60% हिस्से यानी 30 हजार रुपए पर इन तीन केस में ये असर होता. जेटली की बजट स्पीच के मुताबिक :आपके पूरे 60% कॉन्ट्रिब्यूशन यानी 30 हजार रुपए पर टैक्स लगता.
 रेवेन्यू सेक्रेटरी के बयान के मुताबिक :30 हजार रुपए पर टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन इस पर 8.85% के लिहाज से 2655 रुपए इंटरेस्ट मिलता है तो वह टैक्सेबल होगा, जयंत सिन्हा के दावे के मुताबिक :30 हजार रुपए पर टैक्स तभी बचेगा, जब आप उसे पेंशन स्कीम्स में इन्वेस्ट कर दें, कितनों पर होता असर? जेटली की बजट स्पीच के मुताबिक :EPFO के 3.7 करोड़ सब्सक्राइबर्स पर.

 रेवेन्यू सेक्रेटरी के बयान के मुताबिक :हाई सैलरी वाले सिर्फ 70 लाख कॉर्पोरेट इम्प्लॉईज पर ही इंटरेस्ट का असर होता, जयंत सिन्हा के दावे के मुताबिक :70 लाख लोगों पर ही असर। EPF पर विपक्ष के किस नेता ने क्या कहा था? 1. राहुल गांधीने लोकसभा में पीएम मोदी पर निशाना साधा, कहा, मोदीजी अच्छे दिन ले आए कालाधन चोरों के लिए Fair & Lovely स्कीम और मेहनती नौकरी पेशा लोगों के EPF पर टैक्स.?

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