सुब्रमण्यम स्वामी ने विवादित बयान दिया नेहरू थर्ड क्लास पास ?

नई दिल्ली-एजेंसी- पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने जेएनयू को लेकर विवादित बयान दिया है, स्वामी ने कहा कि उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का नाम नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर करने का प्रस्ताव दिया था, क्योंकि नेताजी पढ़े-लिखे
आदमी थे, पर नेहरू थर्ड क्लास पास थे.
स्वामी की जुबान नेहरू पर ही नहीं थमी, उन्होंने कहा, 'जेएनयू में नक्सली, जेहादी और लिट्टे रहते हैं। मैं तो छात्रों को ही नहीं, प्रोफेसर्स को भी नक्सली कहता हूं.
स्वामी ने कहा कि जेएनयू कैंपस में एंटी नारकोटिक्स ब्यूरो को बनाया जाना चाहिए, साथ ही बीएसएफ की तैनाती भी होनी चाहिए, उन्होंने तर्क दिया कि अमेरिका में भी कई यूनिवर्सिटी में सुरक्षाबल तैनात रहते हैं.
स्वामी का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब चर्चा है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उन्हें जेएनयू के कुलपति पद की पेशकश की है, बताया जा रहा है कि स्वामी ने इस महत्वपूर्ण पद को स्वीकार करने के पहले कुछ शर्तें रखी हैं, क्या हैं वो शर्तें यह नहीं बताया, पर शायद एक जेएनयू का नाम बदलने की भी हो ?

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रपौत्र चंद्र कुमार बोस ने भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के जवाहरलाल नेहरू यूनीवर्सिटी (जेएनयू) का नाम बदलने के प्रस्ताव का खुलकर समर्थन किया है, उन्होंने कहा कि नेहरू को जरूरत से ज्यादा तरजीह दी गई है और जेएनयू का नाम बदला जाना चाहिए.
चंद्र बोस ने शनिवार को स्वामी का समर्थन करते हुए कहा कि आजादी के आंदोलन के दौरान नेहरू ने खेल खेला और नेताजी समेत कई क्रांतिकारी नेताओं के योगदान को दबा दिया, उन्होंने कहा कि इस समय विश्वविद्यालयों और स्कूलों में इतिहास की पढ़ाई में जो बताया जा रहा है, वह गंभीर चिंता का विषय है.
गौरतलब है कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल में जेएनयू का नाम बदलकर सुभाष चंद्र बोस के नाम पर करने की मांग उठाई थी, उन्होंने कहा था कि सुभाष चंद्र बोस जवाहर लाल नेहरू से ज्यादा शिक्षित थे, स्वामी का यह बयान उन्हें जेएनयू का वाइस चांसलर बनाये जाने की खबरों के बाद आया था.
साभार- न्यूज़ एजेंसी 

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