उनके नाम, इनाम राशि सहित संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखी गई है। वहीं एक जनवरी 2015 से 31 जनवरी 2016 तक मारे गए, गिरफ्तार और आत्मसमर्पित माओवादियों की जानकारी भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दी गई है।
सदन के कांग्रेसी सदस्य भूपेश बघेल ने अतारांकित प्रश्न के माध्यम से यह जानकारी मांगी थी कि एक जनवरी 2015 से 31 जनवरी 2016 तक कितने नक्सली मारे गए, कितने गिरफ्तार हुए और कितने नक्सलियों ने समर्पण किया ? इनमें कितने इनामी थे, किन-किन नक्सलियों पर कितना-कितना इनाम घोषित था?
उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या इनामी गिरफ्तार नक्सलियों की इनामी राशि का भुगतान कर दिया गया है? इसके जवाब में पंचायत मंत्री चंद्राकर ने बताया है कि गिरफ्तार नक्सलियों को इनाम प्रदान करने का कोई प्रावधान नहीं है। इस दौरान 7 आत्मसमर्पित इनामी माओवादियों का इनाम की राशि का भुगतान 29 अक्टूबर 2015 को करा दिया गया है।
आत्मसमर्पित माओवादियों को प्रोत्साहन और नौकरी
नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के अतारांकित प्रश्न के लिखित जवाब में पंचायत मंत्री ने सदन को बताया कि आत्मसमर्पित 409 माओवादियों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 10 हजार स्र्पए और उनके पद अनुरूप घोषित इनाम दिए गए हैं। वर्ष 2013 से 31 जनवरी 2016 तक 24 आत्मसमर्पित माओवादियों को विभिन्न् पदों पर नियुक्ति भी दी गई।
छत्तीसगढ़ शासन ने 20 अक्टूबर 2004 को आत्मसमर्पित माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए पर्याप्त सुरक्षा तथा पुनर्वास योजना लागू की है, जिसे संशोधित कर नई पुनर्वास नीति 16 नवंबर 2015 को लागू की गई। इस दौरान पुलिस ने किसी आत्मसमर्पित नक्सली का विवाह नहीं कराया है.
साभार- न्यूज़ एजेंसी
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