चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि उनका देश ताइवान को कभी भी एक स्वतंत्र राष्ट्र नहीं बनने देगा.
शी जिनपिंग का यह बयान ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव में स्वतंत्रता की समर्थक
साई इंग वन के जीतने के बाद आया है. वे मई में अपना पदभार संभालेंगी.
साल 1949 के गृहयुद्ध में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के हाथों हुई हार के बाद कुओमिंंतांग पार्टी के नेता ताइवान चले गए. उन्होंने वहां अलग सरकार का गठन कर लिया था, उस समय से ही चीन और ताइवान अलग-अलग हैं.
चीन ताइवान को अलग हुआ प्रांत मानता है, जिसका एक न एक दिन मुख्य भूमि में विलय होगा. लेकिन ताइवान के लोग खुद को स्वतंत्र मानते हैं और चीन के बढ़ते वर्चस्व से चिंतित हैं, हालांकि ताइवान की अपनी सरकार है, लेकिन कई देश अब भी उसे एक स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता नहीं देते हैं.
चीन ने कहा है कि ताइवान अगर पूर्ण स्वतंत्रता की बात करेगा तो उसके ख़िलाफ़ ताक़त का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, कुछ महीने पहले चीन और ताइवान के नेताओं की ऐतिहासिक मुलाक़ात भी हुई थी.
ताइवान में बीते 70 वर्ष में अधिकतर समय कुअोमिंतांग पार्टी का शासन रहा है, साई इंग वन की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी को सत्ता में आने का मौक़ा दूसरी बार मिला है.
साभार- एजेंसी
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