Mar 08, 2016, बुलंदशहर, देश-दुनिया में अपनी अनोखी खेती से नाम कमाने वाले बुलंदशहर के गाजर किसानों ने आज खेती के क्षेत्र में मील का पत्थर स्थापित कर दिया है। सुभाष देशवाल और लालकृष्ण यादव नाम के दो किसानों ने बुलंदशहर में 'इन्टीग्रेटिड रूरल एग्री हब' की स्थापना की है। इस प्रोसेसिंग यूनिट के लग जाने से बुलंदशहर के गाजर किसान अब दुनिया में कहीं भी
मोटे मुनाफे के साथ अपनी पैदावार बेच सकेगे।कर्नल सुभाष देशवाल और उनके बचपन के दोस्त लालकृष्ण यादव ने बुलंदशहर में करीब 15 साल पहले गाजर की खेती शुरू की। दोनो दोस्तों ने आसपास के इलाको के किसानों को भी गाजर पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया और देश में बड़े पैमानपर गाजर की सप्लाई भी की।
ढाई से तीन फीट लंबी इग्लिंश गाजर उगाने वाले इन किसानों के सामने गाजर को स्टोर करके ऑफ सीजन में मुनाफा कमाने की समस्या थी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और जिला प्रशासन से मिले सहयोग की बदौलत आज बुलंदशहर में इन दोनों किसानों ने एग्री हब की एक यूनिट की शुरूआत कर दी है। प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त प्रवीर कुमार ने आज इस यूनिट की शुरूआत की। कर्नल सुभाष देशवाल का कहना है कि गाजर किसान गाजर का स्टोरेज स्टिम पूरी भारत में नही हैं। इस का स्टोरेज आलू के कोल्डस्टोर में रखा जाता था जिसमें 40 से50 प्रतिशित वेस्ट होता था, अब 'इन्टंीग्रेटिड रूरल एग्री हब' में 5 से 10 प्रतिशत ही वेस्टेज हो सकती है तो हमें 40 प्रतिशत के कम बचत आयेगी। जिससे पूरा इकाॅनोमी चेंज हो जायेगा। इस 'इन्टंीग्रेटिड रूरल एग्री हब' की एक साल पहले 10 फरवरी 2015 को नीव रखी थी और आज यह बनकर तैयार हो चुका है। उन्होंने कहा कि 'इन्टंीग्रेटिड रूरल एग्री हब' में किसान अपनी फसल को स्टोर कर सकता है और जरूरत पडेने पर अपनी फसल को बेच सकेगा। दरअसल, खेत में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में किसानों को उद्यमियों के बराबर राजस्व देना पड़ता था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कैबिनेट में कानून बदलकर इस अड़चन को खत्म किया और किसानों की प्रगति के लिए द्वार खोले। प्रदेश के कृषि विभाग और जिला प्रशासनने इन गाजर किसानो की हर संभव मदद करके इस एग्री हब के निर्माण में मदद की। बुलंदशहर के सिकन्द्राबाद में इस एग्री हब की शुरूआत होने के बाद इलाके के किसानों का मुनाफा 30 से 40 फीसदी बढ़ जायेगा। इस प्रोसेसिंग प्लांट में गाजर की क्लीनिंग,स्टोरिंग और पैकेजिंग भी की जा सकेगी। गाजर किसान किसी भी सीजन में अपनी फसल को मुँहमांगे दामों पर बेच सकेगे। दिल्ली से सटे बुलंदशहर के सिकन्द्राबाद इलाके में गाजर के अलावा सब्जियों का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इस प्रोसेसिंग यूनिट के लग जाने से इलाके के किसान अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते है। साथ ही कर्नल देशवाल और लालकृष्ण यादव जैसे किसान आज हजारों ऐसे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गये है जो खेती में नये बदलाव और आधुनिकता लाना चाहते है।हिन्दुस्थान समाचार/राहुल गोयल/कुलदीप त्यागी
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