क्या पूर्वांचल की जमीन एक बार फिर लाल होगी.

वाराणसी. से रियाजुल की रिपोर्ट 
कुख्यात माफिया सरगना मुन्ना बजरंगी अपने दाहिना हाथ यानि साले पुष्पजीत की हत्या से बौखलाया, दुर्दांत बजरंगी के गुस्से की आंच पूर्वांचल तक पहुंच गई,  एक बार फिर पूर्वांचल के माफिया गुटों में गैंगवार की आशंका प्रबल हो गई है,  पुलिस के अभी से पसीने छूट रहे हैं कि
इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस के चलते पूर्वांचल की जमीन एक बार फिर लाल होगी.

 जरायम की दुनिया में चर्चाएं जोरों पर हैं कि हाल के दिनों में हुए कुछ उलटफेर का परिणाम है बजरंगी के साले की हत्या। साले की हत्या की खबर जैसे ही झांसी जेल में मुन्ना बजरंगी तक पहुंची वह बौखला उठा। बजरंगी के लिए यह तगड़ा झटका था। जेल की दीवारों के भीतर मौजूद बजरंगी के सारे काले धंधे की कमान खुली हवा में घूम रहे उसके साले पुष्पजीत के पास थी। पुष्पजीत ने जब से बजरंगी के गैंग की कमान संभाली थी, नए गुर्गे तो गैंग में आए ही, प्रापर्टी के साथ ही ठेकेदारी का धंधा भी जोरो पर चला,

 पुष्पजीत के जरिए बजरंगी की ताकत बढऩे लगी थी। इस बीच पुष्पजीत ने बजरंगी की पत्नी यानि अपनी बहन सीमा सिंह के लिए विधानसभा की तैयारी करनी शुरूी कर दी। सूत्रों के अनुसार लखनऊ में शहीद पथ के पास निर्माणाधीन हाईकोर्ट भवन के सामने मौजूद एक बिल्डिंग और लोक निर्माण विभाग के एक ठेके को लेकर बजरंगी ने कुछ ताकतवर सफेदपोश लोगों को नाराज कर दिया था.

 बजरंगी की बनारस, गाजीपुर और लखनऊ में लगातार बढ़ती ताकत अन्य माफिया गुटों के साथ ही कुछ सफेदपोश बाहुबलियों को भी खटकने लगी थी। जेल में बंद बजरंगी की कमर तोडऩे के लिए पुष्पजीत को टारगेट किया गया। पुलिस को शक है कि पुष्पजीत की हत्या में पूर्वांचल के किसी माफिया गिरोह का हाथ है। लखनऊ में हुए हाई प्रोफाइल मर्डर के बाद एसटीएफ समेत पूर्वांचल की पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर दिया है। शूटरों के बिहार भाग जाने की आशंका के मददेनजर बनारस, गोरखपुर एवं बलिया समेत अन्य सीमावर्ती जिलों पर अलर्ट कर दिया गया है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शनिवार को मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत सिंह की बदमाशों ने हत्या कर दी थी। पुष्पजीत के साथ उसका शिक्षक मित्र संजय भी मारा गया। पुष्पजीत सिंह के साले विकास श्रीवास्तव ने पूर्व विधायक कृष्णानंद राय के परिवार पर हत्या का आरोप लगाते हुए तीन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। बता दें कि दबंग भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में मुन्ना बजरंगी भी आरोपी है। आरोप है कि माफिया विधायक मोख्तार अंसारी के इशारे पर मुन्ना बजरंगी ने कृष्णानंद राय की हत्या की थी.

 यह भी बताया गया कि पिछली तारीख पर कृष्णानंद राय के भाई राम नारायण राय की गवाही होनी थी, लेकिन राम नारायण राय के अदालत में न आने पर गवाही न हो सकी और 16 मार्च 2016 को अगली तारीख हो गई। पुष्पजीत के साले विकास के मुताबिक पुष्पजीत सिंह को मुकदमें की पैरवी न करने के लिए पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी थी.

 यहां तक कि उसे पिछली तारीख को भी अंजाम भुगतने की चेतावनी दी जा चुकी थी। रंगदारी से आया था बजरंगी का साला चर्चा मेंबनारस में मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत के नाम से कम ही लोग वाकिफ थे। बजरंगी ने जब जौनपुर से वर्ष 2012-13 विधानसभा चुनाव में ताल ठोंकी तब प्रचार-प्रसार के नाम पर पूर्वांचल में जमकर रंगदारी वसूली गई। नदेसर के एक चर्चित रेस्तरां संचालक से रंगदारी वसूलने के दौरान पुष्पजीत गिरफ्तार हुआ और तब लोगों को पता चला कि बजरंगी का साला भी जरायम की दुनिया में कदम रख चुका है.

बनारस के बिल्डरों ने बजरंगी के साले को हाथोंहाथ लिया और उसके जरिए बनारस की कई जमीन औने-पौने दाम पर खरीदकर बिल्डिंग तानी और करोड़ों कमाए। बजरंगी को भी अच्छा खासा हिस्सा मिलता था। जमीन, रंगदारी, धमकी के मामले में पुष्पजीत पर बनारस के कई थानों में पड़े रजिस्टर पर नाम चढ़ता गया। बजरंगी के खौफ के चलते अधिकतर मुकदमों में सुलह-समझौता हो गया था।

Comments