Mar 08, 2016, लोगों के घर जले हैं, दुकानें राख हो गयीं। कई परिवारों के घर का चिराग बुझ गया। ऐसे में लोगों का गुस्सा जायज है। हमारी दस वर्ष की सरकार में कभी इस तरह के दंगे नहीं हुए। सरकारें तो बहुत सी आईं और चुनौतियां भी हर सरकार के सामने आती हैं, लेकिन इसका
मुकाबला करने की बजाये लोगों को भगवान भरोसे छोड़ने वाली सरकार पहली बार देखी है। राजनीतिक लोग राजनीति करते हैं, लेकिन आज मेरी सबसे पहली प्राथमिकता यही है कि प्रदेश के लोगों में फिर से भाईचारा कायम हो। भाजपा ने जो षड्यंत्र रचा है, उसके लिए मैं अपने लोगों के बीच जाकर हर प्रकार की अग्निपरीक्षा देने को तैयार हूं।
साच को आंच नहीं है।
यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। जाट आरक्षण आंदोलन के बाद पहली बार चंडीगढ़ में मीडिया से रूबरू हुए हुड्डा आक्रामक नज़र आये.
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