वसुंधरा सरकार की गोशाला में गोरक्षा के नाम पर मर रही हैं सैकड़ों गायें ?
एजेंसी
राजस्थान की वसुंधरा सरकार के द्वारा संचालित गोशाला में रोजाना भूख से तड़प कर 15 से 25 गायों के मरने की खबर है. यह गोशाला जयपुर नगर निगम के द्वारा संचालित होती है.
गोशाला का नाम हिंगोनिया गोशाला है, जहां रोजाना कई गायें भूख से मर रही हैं. सरकार की इस लापरवाही पर हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने सख्ती दिखाई है.
हाईकोर्ट ने इस मामले में नगर निगम की लापरवाही को
जिम्मेदार ठहराते हुए अफसरों को फौरन गोशाला का मुआयना करने का आदेश दिया है. इसके बाद ही अफसरों में हड़कंप मच गया.
इस पूरे मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि राज्य की वसुंधरा राजे सरकार ने गोरक्षा के नाम पर बाकायदा गोरक्षा मंत्रालय भी बनाया हुआ है.
सरकारी संरक्षण के बावजूद रोजाना जिस तरह भूख से गायें दम तोड़ रही हैं, वो वसुंधरा सरकार के लिए बेहद ही शर्मनाक है.
गायों की मौत पर हाईकोर्ट में सुनवाई ?
गोशाला में गायों की मौत के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत में एसओजी के आईजी दिनेश एमएन और निगम आयुक्त हेमंत गेरा भी मौजूद थे.
अदालत ने आइजी को गौशाला जाकर मौका मुआयना करने का निर्देश दिया, उनसे वहां जाकर पूरे हालात का जायजा लेने को भी कहा गया.
एनबीटीवी इंडिया डॉट कॉम
अब सवाल होता है गाय के नाम पर राजनीति करने वाले बेशर्म कहां हैं, कहां हैं वो गौ भक्ती का दावा करने वाले जिन्होंने कभी जन्म देने वाली मां को प्रेम से एक निवाला भी ना खिलाया होगा, लेकिन गौ माता के नाम पर कानून हाथों मैं लोकर सड़कों पर घूमते हैं ?
बात गायों की भूख से मौत की नहीं है, बेज़ुबान हैं राजनीति का शिकार हैं मर रही हैं तो मरें किसपर उनके ज़िंदा रहने से फ़र्क पड़ता है, आज तीन सौ मरी हैं कल तीन हज़ार मरेंगी ओर मरती भी हैं.
सवाल ये है कि इनके सड़ने के बाद जो हालात इंसानों मैं बीमारियों के फैलने से होंगे उसका जिम्मेदार कौन होगा?
ये गौशाला का सच तो कुछ नहीं, लेकिन ये तो वो सच है जो मीडिया की जागरूकता की बजह से सामने आ गया, वरना हर गऊशाला का यही हाल है, इन गायों के रखवाले ज़ालिम बने हैं ओर गायों का धंधा बनाया हुआ है, ख़ुद ही बेचते हैं ओर खुद ही पकड़ते हैं यानि दोहरी कमाई.
डूबकर मर जाना चाहिये अब यहां की भाजपा सरकार को ओर नेताओं को गायों की मौत पर नहीं, बल्कि दोषियों को बचाने ओर मौत की वजह छुपाने को कितनी तेज़ी से सरकारी अमला काम मैं जुटा है, जुटे भी क्यूं ना आगे भी तो इनके साथ मिलकर खाना है.
अब किस मुंह से कहेंगे लालू को चारा चोर, तुम तो गऊ मां के चारा चोर हो?
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