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जल्द ही आपको सोने-चांदी की ज्वेलरी की शुद्धता की चिंता नहीं करना पड़ेगी। हॉलमार्किंग को जरूरी बनाने संबंधी कानून पर राष्ट्रपति ने अपनी स्वीकृति दे दी है। यह बिल मार्च 2016 में राज्यसभा से पारित हो गया था। अब राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद भारतीय मानक ब्यूरो ने इसे लागू करने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं.
माना जा रहा है कि मानक ब्यूरो शीघ्र ही सोने-चांदी की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बना सकता है। उसके बाद बिना हॉलमार्क के गहने नहीं बिक पाएंगे। आपको बता दें कि हालमार्किंग की फीस सोने-चांदी के वजन के आधार पर बल्कि प्रति नग के हिसाब से ली जाएगी। प्रति
आइटम पर 35 रु. चार्ज लगेगा। हॉलमार्किंग 22, 18 और 14 कैरेट की तीन 3 कैटेगरी में होगी.
दिवाली तक हो सकता है अनिवार्य
पिछले 6 महीनों के दौरान स्वर्ण उद्योग के लिए कई सुधारों को लागू करने के बाद अब सरकार ने सोने और चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की योजना बनाई है, जिसे दिवाली तक लागू किया जाएगा.
भारतीय मानक ब्यूरो बीआईएस अधिनियम में संशोधन का विधेयक पारित कर दिया गया है। सरकार ने इस विधेयक को मार्च में राज्यसभा में पास करा लिया था। लेकिन इस विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति नहीं मिल पाई थी.
अब स्वीकृति मिलने के बाद सरकार को इसे लागू करने की आसानी हो गई है। आभूषणों की हॉलमार्किंग के लिए ग्राहकों को पर पीस 35 रु. देने होंगे। हॉलमार्किंग के पैमाने पर विवाद वहीं इस पर इंडियन हॉलमार्किंग असोसिएशन के हर्षद अजमेरा का कहना है कि सरकार ने ग्राहकों के सुविधा के लिए 3 तरीके से हॉलमार्किंग करने का फैसला किया है। ग्राहकों के लिए 24,22, और 18 कैरेट पर अलग अलग हॉलमार्किंग करेंगे.
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