बुलंदशहर गैंगरेप मैं तीन को पहचान कर मेरठ जेल भेजा, तीन से पूछताछ जारी ?

गैंगरेप मामले में गिरफ़्तार तीन अभियुक्तों को पुलिस ने पहचान कराकर अदालत मैं पेश किया ओर अदालत ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है.
मेरठ के आईजी (पुलिस महानिरीक्षक) ने एनबीटीवी इंडिया को बताया कि कुछ लोगों हिरासत में लेकर पीड़ितों के सामने शिनाख़्त परेड कराई गई थी.
इनमें से तीन लोगों को पीड़ितों ने पहचान लिया जिसके बाद उन्हें गिरफ़्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत मैं जेल भेज
दिया है, आगे कहा अगर हमें ज़रूरत होगी तब हम अदालत से इनकी रिमांड मांगेगे.
इसके अलावा तीन ओर अभियुक्तों से जो हिरासत में लिए गए थे पुलिस अब भी पूछताछ कर रही है. पीड़ितों का कहना है कि इस घटना को क़रीब 15 लोगों ने अंजाम दिया था, इसी बीच अनीस अंसारी को बुलंदशहर का नया एसपी नियुक्त किया गया है.
बलात्कार की इस घटना के बाद बुलंदशहर के एसएसपी वैभव कृष्ण सहित मामले की जांच से संबंधित सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था.
मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव ने राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को जांच प्रक्रिया को सीधे मॉनिटर करने को कहा है.

परिवार की कार रोककर कुछ लोगों ने पहले लूटपाट की और फिर मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार
किया.

ये घटना शुक्रवार देर रात को बुलंदशहर ज़िले में दिल्ली-कोलकाता नेशनल हाईवे पर हुई, जिस हाइवे पर यह घटना हुई वो दिल्ली को कानपुर से जोड़ता है.
लिए जा रहे इंटरव्यू में रेप पीड़िता नाबालिग के पिता ने ये बात कही, घर के पुरुषों के सामने ही पत्नी और बेटी का गैंगरेप होने के मंजर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे गुस्सा आता है, ऐसा लगता है जैसे जहर खाकर मर जाऊं.
उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं को नंगा कर तलाशी ली गई, इसके बाद उन्होंने बहुत घिनौनी हरकत की। मैंने उनसे कहा कि पैसे ले लो, लेकिन महिलाओं को छोड़ दो, पर उन्होंने एक भी नहीं सुनी.
पीड़िता नाबालिग के पिता ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति के कारण ही उनके परिवार के साथ ये अपराध हुआ, उन्होंने बताया कि वारदात के बाद 100 नम्बर पर कॉल करने पर फोन नहीं उठाया गया, डीजीपी जावेद अहमद के निरीक्षण में यह बात भी सामने आई कि 100 नम्बर पर पीड़ित परिवार ने फ़ोन किया लेकिन फ़ोन नही उठा.
डीजीपी ने बताया कि पीड़ित पक्ष ने बताया कि वारदात के बाद उन्होंने 100 नम्बर पर कॉल की थी, लेकिन 100 नम्बर पर फोन नही उठा, इसके बाद पीडित ने नोएडा में अपने एक मिलने वाले को फोन किया.
जिसके बाद ही पीड़ित परिवार कोतवाली देहात पहुंच सका, डीजीपी ने कहा कि ये गम्भीर मामला है इस पर कार्रवाई की जायेगी....

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