मार्शल आर्ट जानती है बुलंदशहर गैंगरेप नाबालिग पीड़ित?

बुलंदशहर गैंगरेप का पीड़ित परिवार भयानक सदमे में है, पीड़ित परिवार ने सोमवार को सरकार से मांग की है कि जिन लोगों ने 13 साल की किशोरी और उसकी मां के साथ गैंगरेप किया है उन्हें सार्वजनिक रूप से गोली मारने की अनुमति दी जाए, नया आरोप इनको इस बात की गिला है कि घटना के वक्त एक पुलिस वैन पास से गुजरी थी लेकिन उसने कोई हस्तक्षेप नहीं किया.

मामले में किशोरी की बहादुरी की बात भी सामने आई है, पीड़िता
के पिता ने बताया कि उनकी बेटी को मार्शल आट्र्स आता था, वह करीब आधे घंटे तक बदमाशों से जूझती रही.
जब बदमाश उसे काबू में नहीं कर सके, तो उन्होंने उसके भाई और पिता को गोली मारने की धमकी दी। इस धमकी से मजबूर होकर पीड़िता की आत्मरक्षा करने की हिम्मत जवाब दे गई, पिता ने बताया कि उनकी बेटी ने स्कूल में मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली थी.
13 वर्षीय रेप पीड़िता किशोरी के चाचा ने कहा कि उनका परिवार इस सदमे से कभी बाहर नहीं आ पाएगा, उन्होंने कहा कि इस मामले में एक उदाहरण पेश करना होगा ताकि ऐसे वाकये दोबारा न हों, इस गैंगरेप के बाद एक बार फिर से ऐसे अपराधों के प्रति कड़ी सजा की मांग उठने लगी है.
दिल्ली-कानपुर हाइवे पर इस परिवार की कार पर बदमाशों ने घात लगाकर शनिवार तड़के हमला किया था। इन्होंने कार में सवार पुरुषों को बांध दिया था और मां-बेटी के साथ गैंगरेप किया था, कैश और कीमती सामान लेकर भागने से पहले इन्होंने तीन घंटे तक द्ररिंदगी की थी.
पीड़िता के चाचा ने कहा, ‘यदि आपकी आंखों के सामने आपकी पत्नी और बेटी को मारा जाए और फिर उनका गैंगरेप हो तो इसे लेकर गुस्सा और सदमे को उस परिवार के अलावा कोई नहीं समझ सकता.
मैं सरकार और जुडिशरी से गुजारिश करता हूं, हमें उन दरिंदों को पब्लिक में गोली मारने का आदेश दिया जाए, यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है पर रेपिस्ट को फांसी दी जाती है तो कुछ लोग मानवाधिकार का मुद्दा उठाते हैं। उसके ग्रुप से एक ने कहा कि महिलाओं के साथ बदतमीजी मत करो लेकिन किसी ने सुना नहीं,
बुलंदशहर में हुए इस गैंगरेप से सनसनी फैल गई है.

उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर से गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जबकि सरकार ने इस मामले में अब तक सात पुलिस ऑफिसरों को सस्पेंड कर दिया है.
सोमवार को मुख्यमंत्री ने 300 लोगों की एक टीम को रेपिस्टों को अरेस्ट करने की जिम्मेदारी दी है, पर सरकार के कदम से परिवार वाले संतुष्ट नहीं हैं, पीड़ित परिवार का कहना है कि शनिवार सुबह जब यह सब हुआ तभी एक पुलिस वैन गुजरी लेकिन उसने अनदेखा कर दिया.
के चाचा ने कहा, हम लोग अगले इलाज के लिए इन्हें हॉस्पिटल ले जाएंगे, हम लोग इसके लिए लड़ेंगे, हम लोग चाहते हैं, हमारी व्यथा को सारी एजेंसियां समझें, उन्होंने कहा कि लडक़ी महीनों तक स्कूल जाने की स्थिति में नहीं होगी क्योंकि वह मानसिक रूप से गहरे सदमें में है.

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