क्यूंकि हम है गौ-माता के ऱखवाले ?

गौरक्षा का नाम है, दंगा इनका काम है,,
मुस्लिम तो बदनाम है, चर्चा ऐसी आम है,,
हम हैं गौ माता के ऱखवाले?

दूध दिया तब खूब चराया, पानी मे फिर दूध मिलाया,,
मॉ के दूध से खूब कमाया, छूट गई तो दूर भगाया,
हम हैं गौ माता के ऱखवाले?

जिंदा गाय पे लठ्ठ चलाते, मरी गाय के पास न आते,,
नाक मूंद के दूर से जाते, फिर भी गौ सेवक कहलाते,,
हम हैं गौ माता के ऱखवाले?

हुई बुजूर्ग तो चल नही पाये,पड़ी पड़ी जो गौबर खाये,,
चारा उसको कोई न लाये, ऑख से अपनी नीर बहाये,,
हम हैं गौ माता के ऱखवाले?

न कभी माँ को पास बिठाया, लठठ मारके उसे भगाया,,
मरी गाय को फेंक के आया, कभी न उसका श्राद कराया,,
कुत्तों ने फिर मॉ को खाया, न कोई बेटा बचाने आया,,
हम हैं गौ माता के ऱखवाले?

दलितो ने जो हाथ लगाया, उसको मारके फर्ज निभाया,,
क्यूंकि हम हैं गौ माता के ऱखवाले.

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