पानी (water)- मनुष्य के शरीर के संपूर्ण भार का दो तिहाई भाग पानी है। हमारे शरीर में प्रतिदिन प्राय: 2600 ग्राम पानी खर्च होता है.
पानी की शुद्धता- पानी में तुलसी के पत्ते डाले रखें। इससे पानी शुद्ध रहता है.
पानी कब न पिएं- गर्म भोजन, खीरा, खरबूजा, ककड़ी खाने के बाद, सोकर उठने के तुरंत बाद चाहे दिन हो या रात, पत्नी संग के बाद, दस्त हो जाने के बाद, दूध या चाय लेने के बाद, धूप से आने के पश्चात तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए।
पानी कब पिएं- भोजन से पहले पानी पीने से पाचनशक्ति कम हो जाती है, शरीर पतला होता है, भोजन के मध्य 5-6 घूंट पानी पीने से भोजन जल्दी पचता है.
भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से शरीर फूलने लगता है, मोटा होता है, पाचन-क्रिया और बल कम हो जाता है, भोजन के एक घंटे बाद पानी पीने से आमाशय को शक्ति मिलती है, जिन्हें पतले दस्त आते हैं, उन्हें भोजन करते समय पानी नहीं पीना चाहिए.
निरोग- पानी को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बार बार पीना स्वास्थ्य के लिए हितकर माना गया है। प्यास के समय इच्छा के विपरीत बेहद ठूंस-ठूंसकर जल पीना हानिकारक होता है.
नकसीर- ठंडा पानी सिर पर धार बांधकर डालने से रक्त गिरना बंद हो जाता है.
खांसी- हथेली में पांच बूंद पानी की डालकर दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ें, फिर गले से छाती, पसली पीठ पर ऊपर से नीचे दो दो मिनट नित्य तीन बार मालिश करें, इसके साथ करेले की सब्जी खाएं, खांसी ठीक हो जाएगी,
दमा- दमा का दौरा पड़ने पर हाथ और पैर गर्म पानी में डुबोकर दस मिनट रकें, इससे बहुत आराम मिलता है.
कमर का मोटापा- पांच चम्मच जामुन का सिरका एक गिलास पानी में मिलाकर प्रात: भूखे पेट पीते रहने से कमर का मोटापा दूर हो जाता है.
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