
यहाँ तक कि उन्हें तांत्रिकों और मंदिरों की चौखट पर दर दर भटकने को मजबूर कर उन्हें देवी काली का पुजारी बना दी है, दर्शकों को तंत्र मंत्र के चमत्कार देखने के साथ ही तंत्र मंत्र और टोटके भी आज के वैज्ञानिक युग में सप्रमाण सिखने को मिल रहे हैं, धन्य हैं सीरियल की निर्मात्री एकता कपूर जी, जिन्होंने जोधा अकबर की प्रेम कहानी का अपना एक अलग ही इतिहास रच दिया है, उसी इतिहास के अनुसार सभी पात्रों को अपने इशारे पर नचा रही हैं, देश और दुनिया भर के करोड़ों दर्शक भी जोधा अकबर सीरियल को देखकर पूरी तरह से मंत्रमुग्ध और अभिभूत है, इस सीरियल को देखकर मुझे तो ऐसा लगता है कि इतिहास को दरकिनार कर शराब पी पी कर सोचा जाता है कि अब अगला दर्शकों को मूर्ख बनाने वाला इंट्रेस्टिंग सीन क्या हो...?
जबकि भारत की सरकार या सुप्रीमकोर्ट को इतने बकवास और लोंगो को गलत तालीम देने वाले वाहियात सीरियल को तुरंत बंद करा देने के साथ ही इतिहास से छेड़छाड़ करने वालों के लिए सख़्त कानून बनाना चाहिए,ये सीरियल कहता है कि यह जोधा अकबर के ऐतिहासिक प्रेम कथा पर आधारित है, लेकिन अगर हम इतिहास को देखें तो हकीकत में इस प्रेम कहानी का कोई वजूद ही नहीं है, कोई ठोस सबूत भी मौजूद नहीं है...!
राजस्थान के राजपूत लोंगो और कुछ इतिहासकारों के अनुसार जोधा, अकबर के बेटे सलीम जहाँगीर की राजपुताना बेगम का नाम था, सीरियल और फिल्म बनाने वालों ने अपनी सारी नैतिकता को ताक पर रख कर महज पैसा कमाने के लिए अकबर के बेटे की बहू को उसकी पत्नी बना दिया, कुछ इतिहासकारों के अनुसार अकबर की राजपुताना बेगम जोधा नहीं बल्कि, छोटे से राज्य आमेर के राजपूत राजा भारमल की बेटी हीर कंवर थी, जिसका विवाह अपना राजपाट बचाने के लिए राजा भारमल ने बहुत विवश होकर शक्तिशाली राजा अकबर से कर दिया था.
मगर राजपूत लोग और कई इतिहासकार ये मानते हैं कि हीर कंवर राजा भारमल की दत्तक पुत्री थी, जिसे एक मुस्लिम दासी से अपनी बेटी के कहने पर उन्होंने गोद लिया था और उसका विवाह राजपरिवार में करने का संकल्प भी लिया था, जोधा अकबर सीरियल में कुछ समय पहले जोधा को मुस्लिम बनाने के लिए खूब दांवपेच खेले गए और दस-बीस एपिसोड तक हिन्दू-मुस्लिम धार्मिक उन्माद भड़काते हुए अंत में मौलवी से आधा अधूरा कलमा पढ़वाकर जोधा को हिन्दू ही रहने दिया गया, जबकि इतिहास कुछ और ही सच्चाई बयान करता है.
इतिहास के मुताबिक अकबर ने शादी से पहले हीर कंवर से धर्म परिवर्तन न कराने और उसके लिए एक अलग महल बनवाकर उस महल में उसके आराध्य भगवान श्री कृष्ण का मंदिर बनवाने का वादा किया था, परन्तु विवाह के बाद वो अपने वादे से मुकरते हुए या हीर कंवर के के हृदय परिवर्तन की वजह से धर्म परिवर्तन कराके उसका नाम बदलकर मरियम जमानी रख दिया, सीरियल में दिखाया गया है कि अकबर की राजपुताना पत्नी के जीवन में रोमांस ही रोमांस था, बादशाह अकबर अपनी और रानियों को भूल कर बस उसी राजपुताना पत्नी के आगे पीछे हर समय घूमा करता था, इतिहास के अनुसार ये एकदम झूठी है, हीर कंवर उर्फ़ मरियम जमानी के जीवन में अकबर से शादी के बाद न कोई रोमांस था, न कोई रस था और न ही कोई ख़ुशी का रंग था.
इतिहासकार कहते हैं कि जोधा मुग़ल शहज़ादे सलीम या जहाँगीर की पत्नी थी, दरअसल उनका नाम मानवती था, जिसे उनकी विद्वता के कारण जगत गुसाईं कहा गया, जोधा नाम कैसे आया इस पर सही जानकारी तो नहीं है.
लेकिन उनका कहना है कि मुमकिन है उस वक़्त मारवाड़ रियासत को जोधाना कहा जाता था और मानवती यहाँ से ताल्लुक रखतीं थीं, जबकि अकबर का विवाह आमेर के राजा भारमल की पुत्री हरखूबाई के साथ हुआ था.
वहीं इतिहासकार आर एस खंगारोत भी इसी बात पर बल देते है, उनका कहना है, ये ऐतिहासिक दृष्टि से तो ग़लत है ही, ये एक सामाजिक मुद्दा भी है, क्योंकि आप अकबर की पुत्रवधू को उनकी पत्नी के रूप मे दिखा रहे है, हम इतिहास की किताबों मे जो पढ़ा रहे है, यहाँ उसका उलटा बता रहे है.
*सवाल उठता है कि मुग़लेआज़म फ़िल्म में जोधा को अकबर की पत्नी दिखाए जाने का विरोध क्यों नहीं किया गया, और क्यूं एक मनधढ़ंत कहानी बनाकर इतिहास को तोड़ा मरोड़ा गया...?*
इस सवाल पर जवाब देते हुए राजपूत समाज के एक प्रमुख नेता लोकेंद्र सिंह कालवी कहते हैं, कौन कहता है कि हमने विरोध नहीं किया, उस वक़्त मीडिया ऐसा नहीं था, वरना ऐसा ही विरोध देखने को मिलता.
*बहरहाल, सिनेमा के सहारे उठे इस विवाद ने लोगों को इतिहास के पन्ने उलटने पर मजबूर कर दिया है, हो सकता है एक ना एक दिन सच सामने ही आ जाये, क्यूंकि भारत मैं अधिकतर इतिहास को दफ़न कर दिया गया है, जो हमारे और हमारी आने वाली नस्ल के लिए परेशानी पैदा कर रहा है...!*
*एस एम फ़रीद भारतीय*
लेखक, सम्पादक, मानवाधिकार सलाहकार.
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