सवाल - क्या किसी ने आपके काफ़िले पर हमला किया था...?
जवाब - नहीं...!
सवाल - क्या आपके काफ़िले को किसी ने घेरकर लाठी डंडे दिखाए थे...?
जवाब - नहीं...!
सवाल - देश की तमाम सुरक्षा एजेंसियों मैं से क्या किसी सुरक्षा या इंटेलिजेंस एजेंसी ने हमले या हिंसा की आशंका जाहिर की थी/है...?
जवाब - नहीं...!
बड़ा सवाल - 5 सुरक्षा घेरों के बीच, बख्तरबंद गाड़ी में बैठा देश का सुप्रीम एक व्यक्ति कैसे कह रहा है "जान बच गई", आखिर कहना क्या है, क्या सिख भारत के नहीं हैं, आप दिल जीतने जा रहे थे रैली कर और दिल तोड़ दिया...?
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छोटा सटीक जवाब - साहब 5 राज्यों में चुनाव हैं, पार्टी मुद्दाविहीन है, क्योंकि कोई विकास किया नहीं राज्यों ने, सब राज्यों मैं हिंदू मुसलमान चल नहीं रहा था, क्योंकि जनता महंगाई, बेरोजगारी, घटती आमदनी, भुखमरी, कुपोषण और कोविड-19 जैसी समस्याओं से परेशान है, इसीलिए अब इमोशनल कार्ड चलना पड़ेगा, क्यूंकि आपकी पार्टी का वही आखिरी हथियार है, मगर वो तो एक्सपायर हो गया दो बार चल गया, अब नहीं चलेगा ये आप भी जान चुके...!
अहम सवाल - बिना बुलाए पाकिस्तानियों के बीच जाकर बिरयानी खाने की चर्चा की जाती है, मैं बिरयानी शब्द से सहमत नहीं, लेकिन आप वहां गये थे, तब आपको डर नहीं लगा, कि देश की जनता को क्या जवाब देना है, क्यूं लगता साहब, जिन्ना और पाकिस्तान तो इस्लाम फ़ोबिया का मसाला देते हैं, जो आपकी पार्टी की आक्सीजन है और देश के लिए ख़तरनाक ज़हर, आपको अपने किसानों के बीच 15 मिनट रहने में डर क्यों लगा, क्यूं बात का बतंगड़ बना डाला, आपको मालूम है किसान पंजाब का सबसे ज़्यादा नाराज़ है आपसे, ये जानते हुए भी राज्य के चुनाव जीतने के लिए वहां का दौरा करना क्या पूरी भाजपा का भार आप पर है, आप पीएम हैं जनता को ख़ुश कर दिल जीतें तब आपको रैलियों की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी, अपने पुराने ब्यान समय निकालकर सुन लें क्या बोलते थे और क्या कर रहे हैं...?
जवाब - जैसी रही भावना जिसकी, षड्यंत्रकारियों को सब लोग उसके अपने खिलाफ षड्यंत्र और हत्या की साजिश करते ही नजर आते हैं ऐसा क्या किया है आपने...? दुनियां के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में रास्ता रोकना, काले झंडे दिखाना या नारे लगाना भी हमले की साजिश कैसे हो सकता है...??
और आपको तो याद ही होगा जब मनमोहन सिंह जी पीएम रहते हुए JNU गए थे, छात्रों ने उनके क़ाफ़िले को घेर लिया और काले झंडे दिखाए थे, तब मंच से छात्रों को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा था, मैं आप से असहमत होते हुए भी आपकी अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा करूँगा, किसी भी छात्र के लिए कोई कार्यवाही नहीं हुई थी...!
खैर, साहेब ये सब मुद्दों को डायवर्ट करने की राजनीति और थर्ड ग्रेड की फिल्मी कहानी को छोड़कर, आप जनता की समस्याओं की बात करें, जिससे जनता आपकी पार्टी को राज्य की सत्ता फिर सौंपे...!
जैसे:-
-गिरता रूपया -बेरोजगारी -महंगाई -घटती आमदनी -बढ़ती भुखमरी -कुपोषण -कोरोना थर्ड -चीन को लाल आंखे -देश में नफ़रत का ज़हर घोलने वालों पर कार्यवाही क्या हुई...?
आपके पास अब इन समस्याओं से निपटने का ब्लू प्रिंट क्या है...??
क्या योजना तैयार की है, सात साल हो गए साहब...??
या जनता को बस 5 किलो राशन पर ही आश्रित करना है, वो भी चुनाव के समय...???
आप लोग भी अपनी राय ज़रूर दें शुक्रिया धन्यवाद.
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