अंजुंम कादरी का एक परिचय और उनकी मांगे...?

"एस एम फ़रीद भारतीय"
अंजुम कादरी एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्हें राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय उपाधियों से भी नवाज़ा जाता रहा है.
अंतरराष्ट्रीय हरित मित्र परिवार की ओर से आपको राष्ट्रीय एंबेस्डर उत्तराखंड बनाया गया है.

अंजुम कादरी ना कि पर्यावरण की संरक्षक है। बल्कि जनमानस जनता की भी संरक्षक है। अंजुम कादरी ने सन 2005 से साहित्य के क्षेत्र में लिखना शुरू किया। और 2007 में अमर उजाला से गोल्ड मेडल पुरस्कार से नवाज़ी गईं। आज वह वरिष्ठ लेखिका मानी जाती है। आपके लेख सिर्फ अखबारों में ही नहीं बल्कि इंडिया टुडे, ग्रहशोभा, दैनिक जागरण ,अमर उजाला, पंजाब केसरी, हिंदुस्तान, शाह टाइम्स, दैनिक बुलंद संदेश, दैनिक दशानन, प्राइम काशीपुर, न्यूज़ प्रिंट, दैनिक दर्पण, हिंद वतन, महकता आंचल, फैमिली डाइजेस्ट आंचल, पाक़ीज़ा आंचल, तवाहा रंगायन, रूपाइन अनेकों किताबों और प्रिंट मीडिया में आपके आर्टिकल, स्टोरी,लव स्टोरी, चुटकुले, गज़ले,नज्में, पहेली, कविता, आपके विचार प्रकाशित किए जाते हैं। रेडियो पर भी आपके प्रोग्राम सुने जाते हैं। टीवी आदि पर भी आपको देखा जा चुका है.

अंजुम कादरी की अनेकों प्रतिभा को देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय हरित मित्र परिवार ने आपको लाल चंदन, नीलमेरा, कुमकुम, गोरकपल, पुत्र जीवा आदि जैसे  वटवृक्ष जोकि गवर्नमेंट के अंतर्गत ही लगाए जाते हैं। लेकिन अंजुम कादरी की देश के प्रति मेहनत और लगन को देखते हुए इन वृक्षों के हज़ारों की संख्या में बीज भेजे गए और अंजुम कादरी ने इन बीजों को अपने ही फॉर्म हाउस में रोपण किया है। अंजुम कादरी का मानना है यह बीज मे से जब पौध बनेगी तब वह सरकारी विभागों में जाकर पौधरोपण करेंगी। शासन प्रशासन के संज्ञान में सरकारी विभागों में वटवृक्षों के पौधरोपण किए जाएंगे। मज़े की बात ये है यह जो पौधे आप लगाएंगी उत्तराखंड के अंदर इन पौधों की बहुत कमी है। और यह पौधे उत्तराखंड में अब तक सिर्फ दूसरी बार ही लगाए जाएंगे।

अंजुम कादरी शिक्षा के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य करती हैं और अब तक 600 से अधिक स्टूडेंट को अपने ही बल से एजुकेशन दिला रही हैं, प्राइमरी अपर प्राइमरी विद्यालय में 8 वर्ष से शिक्षिका की भूमिका निभा रही हैं। कोविड-19 वॉलिंटियर की उपाधि पर भी आपने कोरोना काल में बहुत ही लगन से प्रतिदिन कार्य किए, हर एक छोटी बड़ी संस्था से आपको सर्टिफिकेट जैसे पुरस्कार मिलते रहे। आपकी इसी लगन को देखते हुए कोरोना काल में आपको ऊधम सिंह नगर वीआईपी पुलिस ऑफिसर भी बनाया गया। अंजुम कादरी ने एक वक्त में कई ज़िम्मेदारियां निभाई। कोई एक पुरस्कार हो तो बात भी की जाए हर एक अच्छे क्षेत्र में आपको वरिष्ठ पुरस्कार मिले हैं। यदि अंजुम कादरी के घर की दीवारों पर यह सारे पुरस्कार लगाए जाएं तो दीवारें कम पड़ जाएंगी। जर्नलिज्म के क्षेत्र में आपको राज्य प्रभारी उपाधि कई सारे दैनिक अखबारों से मिली है, अब अंजुम कादरी ने अपनी भारत सरकार से 12 मांगों को लागू करने का अनुरोध किया है। और उनकी यह 12 मांगे भी बहुत ही बेहतरीन हैं। जो कि जनमानस देशहित के लिए यह मांगे ज़रूर पूरी की जानी चाहिए। इनकी मांगे इस प्रकार हैं...?

(1)जो व्यक्ति वास्तव में 60 वर्ष के हैं और उनकी माली हालत खस्ता है उनको 5000 रू पेंशन मिलनी चाहिए.
(2) पूरे भारत में नेताओं की पेंशन ख़त्म होनी चाहिए.

(3) भारत में जितने भी शहीद हुए हैं उन सबके परिवार में किसी एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए और सहायता राशि भी प्रदान करनी चाहिए.

(4) किसानों को एमएसपी गारंटी मिलनी चाहिए.

(5) हमारी सभी सरहदों पर दीवारें बननी चाहिए जिससे कि हमारे फौजी भाइयों को आसानी हो.

(6) जो नर नारी का सम्मान करेगा वही देश पर राज करेगा.

(7) स्वास्थ्य खराबी पर इलाज टोटल फ्री होना चाहिए.

(8) कक्षा 1 से लेकर एम ए तक की शिक्षा फ्री होनी चाहिए.

(9) अशोक स्तंभ के अंतर्गत योजनाओं को लागू करना चाहिए.

(10) फ्री वाला राशन बंद होना चाहिए.

(11) और यह जो कर्ज से मुक्त किए जाते हैं ऋण माफ किए जाते हैं यह योजना बिल्कुल बंद होनी चाहिए.

(12) उत्तराखंड में उर्दू बोर्ड चलाया जा रहा है इसको मान्यता मिलनी चाहिए, अंजुम कादरी ने कहा है वह अपनी इन 12 मांगों को अपनी भारत सरकार से ज़रूर पूरा करवाएंगी, यदि भारत सरकार इन मांगों को पूरा नहीं करेंगी तो वह आमरण अनशन भी करेंगी.

ये सब कहना है एनबीटीवी इंडिया से लेखिका सोशल और पर्यावरण वर्कर अंजुंम कादरी का, हम इनके जज़्बे को सलाम करते हैं और देश व राज्यों की सरकारों से उम्मीद करते हैं कि वो इनके सहयोग से देश को उन्नति की तरफ़ ले जायेंगे.

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